Sunday, April 1, 2018

भारत चीन युद्ध

भारत और चीन के संबंध प्राचीन काल से ही मित्रता पूर्ण रहे हैं किंतु देश के आजाद हो जाने के बाद इन दोनों देशों के संबंध में खटास आ गई भारत और चीन के बीच तिब्बत को लेकर मतभेद की स्थिति बनी तिब्बत पर चीन का अधिकार था किंतु भारत तिब्बत को अपने अधिकार में लेना चाहता था पता चलते ही चीन ने तिब्बत में अनेक सैनिक नियुक्त कर दिए इसका भारतीयों ने विरोध किया इस प्रकार 1958 में दोनों देशों के बीज विद्रोह शुरु  हो गया दलाई लामा तिब्बत का प्रसिद्ध शाशक था वह तिब्बत को भारत में मिलाना चाहता था 1962 में दोनों देशों के बीच घमासान युद्द होने लगा चीन की सेना भारतीय सेना और दलाई लामा पर भारी पड़ी जैसे दलाई लामा को तिब्बत छोड़कर भारत में भागकर आना पड़ा चीन ने इसका घोर विरोध किया जिससे दोनों देशों के मध्य और दुश्मनी बढ़ गई इसके साथ ही चीन ने सीमा विवाद शुरु कर दिया भारत ने एक बार फिर पंचशील के सिद्धांतों द्वारा दोनों देशों के संबंधों को मधुर बनाने का प्रयास किया किंतु चीन ने यह स्वीकार नहीं किया सितंबर 1962 में चीन ने भारत के पूर्वी सीमा क्षेत्र नेका पर हमला कर दिया तथा इस क्षेत्र को अपने कब्जे में ले लिया इसके बाद 20 अक्टूबर सन 1962 को चीन दे मेक मोहन रेखा को अस्वीकार कर सीमा पर तैनात भारतीय फौजियों पर हमला कर दिया विवस होकर 26 अक्टूबर 1962 को भारत को एक तरफा युद्ध स्वीकार करना पड़ा इस युद्ध में भारत को पराजय इसलिए मिली क्योंकि चीन सर्वाधिक जनसंख्या वाला एक शक्तिशाली देश था भारत चीनी फौज का सामना नहीं कर सकता और पाकिस्तान ने भी चीन का भरपूर समर्थन किया इसका फाइदा उठाकर चीन ने भारत के एक बड़े भूभाग को छीनकर अपने कब्जे में कर लिया जिसे COK कहते हैं COK का अर्थ होता है चीन अधिक्रत कश्मीर

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