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Wednesday, April 3, 2019
बिटकोइन bitcoin
बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा है । जैसे बाकि मुद्रा होती है । रुपए , डोलर , पाउंड , दीनार , आदि । ठीक उसी तरह बिटकॉइन भी एक डिजिटल मुद्रा है । लेकिन यह मुद्दा बाकी मुद्राओं से बिलकुल अलग होती है । बिटकॉइन को हम मोबाइल में देख सकते हैं । लेकिन पैसों की तरह उसे हाथ में लेकर छू नहीं सकते हैं । क्योंकि बिटकॉइन एक ऑनलाइन डिजिटल करेंसी है जिसको हम पेटीएम की तरह वॉलेट में स्टोर रख सकते हैं । बिटकॉइन मुद्दा को जापान के सातोशी नाकामोटो नामक इंजीनियर ने जनवरी २००९ में शुरू किया था । उस समय एक रुपए में 4 बिटकॉइन आते थे । लेकिन वर्तमान की बात करें तो 1 बिटकॉइन खरीदने के लिए हमको साढ़े तीन लाख रुपए देऩे होंगे । अगर किसी के पास बिटकॉइन है तो वह पूरी दुनिया में कहीं से भी ऑनलाइन सामान खरीद सकता है । जैसे हम भारत में पेटीएम से ऑनलाइन सामान खरीद लेते हैं । बिटकॉइन करेंसी पेटीएम की तरह सुरक्षित है । यदि कोई व्यक्ति 2009 में १०० रुपये के बिटकॉइन खरीद लेता । तो उसको उस समय ४०० बिटकॉइन मिलते । लेकिन 400 बिटकॉइन वाला वह आदमी आज 15 करोड़ का मालिक होता । बिटकॉइन करेंसी दिन प्रतिदिन घटती बढ़ती रहती है । इंटरनेट पर वर्तमान समय की बिटकॉइन की कीमत जानने के लिए आपको गूगल में जाकर सर्च करना होगा । 1 बिटकॉइन to आई एन आर आपको जो फ़िलहाल रेट चल रहा है पता चल जाएगा । बिटकॉइन रेट विकेंद्रीकृत मुद्रा है । जिसका मतलब ये है कि इसे कंट्रोल करने के लिए कोई भी बैंक या संस्था या सरकार नहीं है यानि की कोई इसका मालिक नहीं है. बिटकॉइन का इस्तेमाल कोई भी कर सकता है जैसे हम सब इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं और उसका भी कोई मालिक नहीं है ठीक उसी तरह बिटकॉइन भी है.तो दोस्तो आप को हमारा वीडियो कैसा । लगा हमारे वीडियो को लाइक और सब्सक्राइब जरूर करें । धन्यवाद ।
हास्य कविता - पगलाइट स्कूल
🙏🙏🙏मेरे प्यारे मित्रो मैं कवि भी हूं कविता लिखता हूं मेरी "पगलाइट स्कूल" कविता का उद्देश्य किसी स्कूल और शिक्षकों के सम्मान को ठेस पहुंचाना नहीं है यह मैंने सिर्फ मनोरंजन के लिए बनाई है🙏🙏🙏
😁😁😁😁😁😁😁
✍️पगलाइट स्कूल✍️
सपनो की हमारी अदभुत पाठशाला ने
ब्रिटेन अमेरिका और चीन को पछाड़ा हैं
पांच घण्टे की स्कूल की पढ़ाई ने
पूरी दुनिया में एक झंडा फहरायाया है
हमारे स्कूल को संयुक्त राष्ट्र संघ ने
दुनिया का महान स्कूल बतलाया है
तभी तो हमने अपने स्कूल को
राहु-केतु विद्यालय नाम दिया है
विद्यालय का ये नाम का कमाल है
हमारा पगलाइट स्कूल महान हैं
स्कूल तक पहुंचने हम सभी को
सीधा यमलोक नगर अंतरिक्ष जाना है
ये हमारे पगलाइट स्कूल का किस्सा है
अच्छा लगे तो तालियों उठाना है
हमारे स्कूल की तो अदभुत कहानी है
चेले चांटो की यहां मनमानी है
छात्रों के नाम पर यहां चमचे हैं
ब्रह्मांड से टपके फरिश्ते हैं
खाने की कहो तो हरदम को तैयार हैं
24 घंटे बदतमीजी को तैयार हैं
पढ़ने की कहो तो पीने को तैयार हैं
लिखने की कहो तो लड़ने को तैयार हैं
स्कूल में ये छात्र बवाल हैं
हमारा पगलाइट स्कूल महान है
स्कूल के डायरेक्टर भोंदू भैया है
हट्टे कट्टे चोखट्टे सनकी से दिवालिया है
ज्ञान में काला अक्षर भैंस बराबर है
दिमाग से आइंस्टीन और कलाम के बाप है
चाणक्य के आधुनिक अवतार है
स्कूल में होशियार महासय आप हैं
अब स्कूल के हैडमास्टर ढपोल साहब है
स्कूल में हैंड ढपोल सर मदमस्त और मतवाले है
छात्रों को ज्ञानी बताते है तो छात्र उन्हे चिढ़ाते हैं
वे जब क्लास में जाते हैं तो छात्र खड़े ही मिलते हैं
जोर जोर से ढपला-पगला शिश्य चिल्लाते जाते हैं
अब गुस्से से ढपोर सर अंगारा हो जाते हैं
फिर वे अपनी डंडे से शिष्यों का कूटा करते हैं
मार कुटाई का छात्रों पर कोई असर नहीं होता है
फिर उनको अपना दिमाग घुमाना पड़ता है
फिर उनके दिमाग में एक नया आइडिया आता है
आइडिया उनको माइनस चार नियम बतलाता है
नियम बनाकर तुरन्त उसे कानून बनना होता है
नियम देखते ही सारे छात्र डर जाते हैं
माफ करो हमें ढपोर सर ये कहते ही जाते हैं
अब ढपोर सर कहते है आज नहीं में छोड़ूंगा
ककड़ी चुराने वाले को आज फांसी देकर मानूगा
दुष्ट कबुद्दी मंद बुद्धि सब छात्र इसी स्कूल के है
अब तो हम तिहाड़ जेल में ही बैठे अच्छे है
इस स्कूल में पढ़ने की उम्र अभी बतलाते हैं
सवा दिन के बाद पोने सौ साल बढाते हैं
सवा दिन से बड़ा कोई छात्र यहां पड़ने आता है
उसके पिछवाड़े को सुजाना हमें अच्छे से आता है
बांझ औरत की संतानों को ही हमें पढ़ाना आता है
ABCD अआइई पाठ पढ़ाना आता है
ऐसे छात्र इस स्कूल में PHD से भर्ती होते हैं
बस सौ साल बाद वे LKG में होते हैं
फिर उन्हें मान्यता प्राप्त डिग्री हम देते है
हमारी डिग्री को विश्व फैल नहीं कर सकता है
क्योंकि उस पर सरस्वती की जगह उल्लू का चित्र चमकता है
वैसे उल्लू पागल है पर अंदर से वह ज्ञानी है
तभी तो मां लक्ष्मी ने उसे सवारी बनाई है
अभी तो हमारी आधी पढ़ाई बाकी है
स्कूल 12 महीने बंद रखने की कसम खाई है
बस रविवार होली दीवाली को खोलने की बारी है
अब स्कूल का उद्घाटन करने की तैयारी है
30 फरवरी शुभ तारीख बताई है
यह डेट मेड न्यू ईयर कहलाई है
स्कूल लगने की तो सीमा पार हो गई है
रात को 12 से सुबह के 4 रखी है
इस समय नियमित क्लास चलती हैं
छुट्टी के बाद हाजिरी भरती है
A से असफल P से पास होते है
बाकायदा 6 घंटे में पीरेड बदलते हैं
पहला पीरेड खेल का रखते हैं
खेल में कंचे ओर गिल्ली डंडे रहते हैं
ओ श्रीमान तुम कहां खो गए हैं
रुके नहीं अभी हम बोल तो रहे हैं
तुमको और क्या सुनना है
हाथ उठाकर तालियां बजाना है
स्कूल के लिए काम करना हैं
ओफिस के लिए जगह देखना है
वर्ल्ड बृयूटीफुल देश में लेना है
ऐसा देश पागलपुर बना है
पागल पुर मैं ढेड इंच जमीन लेना है
उस पर ओफिस खड़ा करना है
ओफिस गटर मैं गुप्त रखना है
अभी तो हमें बहुत बकना हैं
ओफिस का नाम पागलघर रखना है
पागल घर को दूसरा ताजमहल मानना है
व्हाइट हाउस का बाप कहना है
आपका क्या कहना है
तालियां नहीं बजाना है
स्कूल के लिए शिक्षक ढूंढते हैं
नर्सरी फैल ग्रेजुएट लेते हैं
उनका पहले इंटरव्यू लेते हैं
इंटरव्यू इंग्लिश में रखते हैं
इंटरव्यू में प्रश्न पूछते हैं
व्हाट इज योर नेम कहते हैं
उत्तर में ब्यूटीफुल रैड अंडरवीयर सुनते हैं
इसका मतलब हिन्दी में समझाते है
सुन्दर लाल चड्डा नाम बताते है
वाह चड्डा तुमने कमाल कर दिया
पूरा नाम इंग्लिश में कन्वर्ट कर दिया
सुन्दर लाल चड्डा से ब्यूटीफुल रैड अंडरवीयर बना दिया
तुमको आज से स्कूल में चपरासी बना दिया
अब ओफिस अकाउंट्स की सुनते हैं
उनके हुनर का गुणगान करते हैं
दिमाग से बुद्धू है LKG फैल उल्लू है
23 घंटे सोते हैं 1घंटे जगते हैं
नींद में पूरा काम काम समभालते हैं
ढपोल सर के साले कहलाते हैं
नाम ढांडिया सर बताते हैं
स्कूल का मोनीटर गधा चुनते हैं
उसे ज्ञानी ध्यानी पशु कहते हैं
जो गधे को बैवकूप कहता है
वो तुरंत शीतला मां से कहता है
शीतला माता की सवारी है
गधा की महिमा न्यारी है
अब ताली बजाने की आपकी बारी है
स्कूल के लिए वैन खरीदते है
टाटा सूमो की बैलगाड़ी लेते हैं
बैलगाड़ी चलाने बैल नहीं मिलते है
स्कूल मोनीटर को ही जोत देते है
बडी अच्छी गाड़ी चलाता है
ढैचू ढैचू करता चलता है
प्रेयर मैं मूर्ख गान गाता हैं
पगली माता की जय कहता हैं
शिक्षक हम इंटेलिजेंट रखते हैं
वेतन ढाई रुपए महीने देते हैं
ना TA देते हैं ना DA देते हैं
ना ही फंड बीमा बोनस देते हैं
फ़ालतू वेतन किसी को नही देते हैं
रिश्र्वत देकर सेवा लेते है
क्लास में शिक्षक आराम से सोते हैं
छात्र अफीम खाते हैं शराब पीते है
कई गांजे की चिलम लगाते हैं
वकील सकील न फकीर की सुनते हैं
वे तो केवल अपनी सुनते हैं
पहाड़ खोदकर चुहिया निकालते है
क्लास को सब्जी मंडी करते है
चिल्ला कर पागल कर देते हैं
दिमाग चाटकर दही कर देते हैं
चाणक्य की तरह शिखा बांधते है
खुलने पर सब PM बनते है
भविष्य के लिए गुरु बताते है
शादी की हम गारंटी लेते हैं
रडूआ रहने के फाइदे बताते हैं
रडूओं की जय-जयकार करते हैं
स्कूल में भाषा हिन्दी रखते हैं
पर बोलने में सब चायनीज यूज करते हैं
हिंदी नए तरीके से लिखते हैं
अक्षरों की टांग ऊपर मात्रा नीचे लगाते हैं
जिससे अंग्रेजी भाषा डरती है
दौड़ कर हमारे पीछे चलती है
हम उसे लात मार कर भगाते हैं
स्कूल में घुसने की इजाजत नहीं देते हैं
पहले उसे अच्छे से समझाते है
नहीं मानी तो ब्रिटेन से बाहर कर देते हैं
जो हमारे स्कूल के नियम नहीं समझ पाते हैं
उसे अज्ञानता का नोबेल पुरस्कार हम देते
साथ में एक खजैला कुत्ता फ्री देते है
पुरस्कार व्हाइट हाउस में देते हैं
ओ बाबूजी आप क्या कहते है
इधर आओ तुम्हें भी हम पुरस्कार देते है
ईमानदारों को लातों से समझाते हैं
बेईमानों को बातों से पागल बनाते हैं
खूबसूरत बुड्ढों और बुड्ढियो को छांट कर
उन्हें अश्लीलता फ्री पढ़ाते हैं
पड़ाते हैं दिखाते हैं
फिर चोर डाकू और लुटेरे बना देते हैं
चोरी डकैती की मुफ्त ट्रेनिंग देते हैं
ताले चटकाना सिखा देते हैं
जो छात्र स्कूल में नियम नहीं मानते हैं
उन्हे पैर बांध कर फांसी पर लटकाते हैं
जोर जोर से छात्र हंसते है
स्कूल में बच्चों को सिखाते हैं
मेहनत का कभी नहीं खाते हैं
मेहनत का तो मेहतर खाते हैं
मेहनत करना पाप होता हैं
कामचोरों का बाप होता है
कविता का अंत होता है
पगलाइट स्कूल सलाम होता है
अब मेरा जाने का समय होता है
सबको मेरा आखिरी प्रणाम है
दुनिया में पगलाइट स्कूल महान हैं
लेखक - अमित शर्मा
😁😁😁😁😁😁😁😁😁
(2) कलयुग में गौ मां दुखी है रे
हमारी सरकार ने ये तुच्छता दिखाई है
गौमाता को एक परेशानी बताई है
चिंता तो बस अब है ये
कलयुग में गौ मां दुखी है रे
ना होशियार को चिंता ना बुद्धिमान को चिंता
ना ही चिंता बुद्धू कोरे
कलयुग में गौ मां दुखी है रे
ना कर्म को चिंता ना धर्म को चिंता
ना ही चिंता शर्म करें
कलयुग में गौ मां दुखी है रे
ना दीन को चिंता ना दुखी को चिंता
ना ही चिंता सुखी को रे
कलयुग में गौ मां दुखी है रे
ना मन को चिंता ना कर्म को चिंता और
ना ही चिंता धर्म को रे
कलयुग में गौ मां दुखी है रे
ना ऋषियों को चिंता ना मुनियोंको चिंता
ना ही चिंता साधुओं को रे
कलयुग में गौ मां दुखी है रे
ना PM को चिंता ना CM को चिंता
ना ही चिंता DM को रे
कलयुग में गौ मां दुखी है रे
ना लखपतियों को चिंता
ना करो ना करोडपतियों को चिंता
और ना ही चिंता पूंजीपतियों को रे
कलयुग में गौ मां दुखी है रे
ना जिलाधीश को चिंता ना न्यायाधीश को चिंता
ना ही चिंता मठाधीश को रे
कलयुग में गौ मां दुखी है रे
ना मालिक को चिंता ना नौकर को चिंता
ना ही चिंता बोस को रे
कलयुग में गौ मां दुखी है रे
ना हमें चिंता ना तुम्हें चिंता ना ही चिंता
ना ही चिंता उन्हें है रे
कलयुग में गौ मां दुखी है रे
ना ईमानदार को चिंता ना बेईमान को चिंता
ना ही चिंता भाग्यवान को रे
कलयुग में गौ मां दुखी है रे
ना देश को चिंता ना प्रदेश को चिंता
ना ही चिंता जिले को रे
कलयुग में गौ मां दुखी है रे
ना महाराजों को चिंता ना बाबाओं को चिंता
ना ही चिंता फ़कीरों को रे
कलयुग में गौ मां दुखी है रे
ना सांसद को चिंता ना विधायक को चिंता
ना ही चिंता नेता को रे
कलयुग में गौ मां दुखी है रे
ना अमित को चिंता ना योगी को चिंता
ना ही चिंता पप्पू को रे
कलयुग में गौ मां दुखी है रे
लेखक --अमित शर्मा सर
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