Wednesday, April 11, 2018

परिवहन

परिवहन दो शब्दों से मिलकर बना होता है परि + वहन जिसमें परि का अर्थ होता है पार । और वहन का अर्थ होता है ले जाना । अर्थात पार ले जाने वाले को ही परिवहन कहते हैं भारत में तीन प्रकार से परिवहन किया जाता है स्थल जल और वायु । स्थल परिवहन दो प्रकार से होता है सड़क और रेल । देश में सडक परिवहन व्यवस्था से सबसे अधिक परिवहन होता है सड़कें तीन प्रकार की होती है राष्ट्रीय राजमार्ग का राज्य राजमार्ग और ग्रामीण सड़कें । जिन सड़को का निर्माण और रखरखाव केंद्र सरकार  करती है उसे राष्ट्रीय राजमार्ग कहते हैं जिन सड़कों का निर्माण और रखरखाव राज्य सरकार करती है उन सड़कों को राज्य राजमार्ग कहते हैं जिन सडकों का निर्माण और रखरखाव राज्य सरकार के आदेश पर जिला परिषद करती है उन सड़कों को जिला और ग्रामीण सड़कें कहते हैं सड़क जाल की दृष्टि से भारत का USA के बाद दूसरा स्थान है सड़कों की कुल लंबाई में राष्ट्रीय राजमार्गों का 2% योगदान है सड़क यातायात में राष्ट्रीय राजमार्ग का कुल योगदान 40% है राष्ट्रीय राजमार्ग की भारत में कुल संख्या 219 है भारत का सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग NH  7 है जो वाराणसी से कंयाकुमारी तक जाता है NH  7 की कुल लंबाई 2369 किलोमीटर है भारत का सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग NH 47A है इसकी कुल लंबाई 6 किलोमीटर है राष्ट्रीय राजमार्गों को "राष्ट्र की जीवन रेखा" कहा जाता है भारत में सर्वाधिक पक्की सड़कों वाला राज्य महाराष्ट्र है NH 1 का पुराना नाम शेरशाह सूरी मार्ग है विश्व की सबसे ऊंची सड़क लेह मालानी मार्ग भारत के जम्मू कश्मीर प्रांत में हैं लेह मालानी मार्ग की कुल ऊंचाई 4270 मीटर है सड़को का सर्वाधिक घनत्व केरल में हैं

Monday, April 9, 2018

संयुक्त राष्ट्र संघ

द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद विश्व के राजनेताओं ने विचार लगाया कि यदि ऐसा ही एक और युद्ध छिढ़ गया तो पूरा संसार ही विनाश के गर्त में चला जाएगा । अत: ऐसे प्रयास किए जाएं कि भविष्य में अब ऐसा कोई युद्ध ना हो । इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए 24 अक्टूबर सन 1945 को संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना अमेरिका के राष्ट्रपति रूजवेल्ट तथा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चर्चिल के प्रयासों से की गई । इसका नाम संयुक्त राष्ट्र संघ अमेरिका की राष्ट्रपति रुजवेल्ट ने दिया । सन 1945 में संयुक्त राज्य अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में एक विश्व सम्मेलन का आयोजन किया गया । जिसमें 52 देशो के प्रतिनिधियों ने मिलकर यूएनओ की स्थापना की । इसका मुख्यालय अमेरिका में स्थित न्यूयोर्क को बनाया गया । इसका भवन 17 एकड़ जमीन पर बना है जो मैनहट्म द्वीप मे है । यह जमीन जॉन डी रॉकफेलर ने दान में दी थी । इसी मैं इसका सचिवालय है । यह इमारत 39 मंजिल है ।
                      अवयव
    संयुक्त राष्ट्र संघ के 3 अवयव हैं ।
(1) ध्वज
(2) भाषाएं
(3) बजट
(1) संयुक्त राष्ट्र संघ का ध्वज नीली पृष्ठभूमि पर एक विश्व मानचित्र को दर्शाता है । जो जैतून की टहनियों का हार पहने हुए हैं । जहां पर जैतून की साखाऐं विश्व शांति का प्रतीक है ।
         (2) कार्य करने वाली 2 भाषाएं हैं । अंग्रेजी और फ्रेंच । किंतु अन्य भाषाएं जिन्हें राष्ट्र संघ की मान्यता प्राप्त है वह है चीनी रूसी स्पेनिश तथा अरबी है ।
              (3) संयुक्त राष्ट्रसंघ घोषणा पत्र के अनुच्छेद 17 के अनुसार बजट पर विचार करने और उसे अनुमोदन करने की जिम्मेदारी महासभा की है । इसका नियमित बजट महासभा द्वारा हर दूसरे वर्ष अनुमोदित होता है ।
          संयुक्त राष्ट्र संघ की सदस्यता को 195 देशों द्वारा ग्रहण किया जा चुका है । संयुक्त राष्ट्र संघ का चार्टर इसका संविधान है । इस चार्टर में 10,000 शब्द 111 धाराए तथा 19 अध्याय हैं ।
       संयुक्त राष्ट्र संघ के छह अंग हैं
(1) महासभा
(2) सुरक्षा परिषद
(3) प्रन्यास या न्याय परिषद
(4) आर्थिक एवं सामाजिक परिषद
(5) अंतरराष्ट्रीय न्यायालय
(6) सचिवालय
            महासभा में सभी सदस्य देशों की प्रतिनिधि सम्मिलित होते हैं । इसलिए इसे विश्व संसद भी कहते हैं । प्रत्येक देश महासभा में अपने 5 प्रतिनिधि भेज सकता है । किंतु उनका बोट सिर्फ एक ही होता है । महत्वपूर्ण प्रश्नों जैसे शांति और सुरक्षा से जुड़े मुद्दे नए सदस्यों को प्रवेश और बजट निर्णय के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है । महासभा का नियमित सत्र हर साल सितंबर के तीसरे मंगलवार से शुरू होकर दिसंबर के मध्य तक चलता है । इसके अलावा सुरक्षा परिषद के आग्रह पर विशेष सत्र आयोजित किया जा सकता है ।
          सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र संघ का महत्वपूर्ण अंग है । और एक प्रकार से कार्यपालिका भी है । सुरक्षा परिषद का मुख्य कार्य अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा बनाए रखना है । इसे दुनिया का पुलिसमैन भी करते हैं । इसमे 15 सदस्य होते हैं । पांच स्थाई सदस्य और 10 अस्थाई सदस्य । स्थाई सदस्य अमेरिका,रूस,फ्रांस,चीन और इंग्लैंड मै से चुने जाते हैं । अस्थाई सदस्यों को महासभा अपने दो तिहाई बहुमत से 2 वर्षों के लिए चुनती है । स्थाई सदस्यों पर वीटो शक्ति होती है । जिसका अर्थ होता है मैं मना करता हूं । सोवियत संघ (रूस) ने वीटो का प्रयोग सबसे अधिक बार किया है । अमेरिका ने सर्वप्रथम वीटो का प्रयोग 1971 में किया । चीन ने सर्वप्रथम वीटो का प्रयोग 1972 में बांग्लादेश के विश्व संस्था में प्रवेश के प्रश्न पर किया ।
            आर्थिक एवं सामाजिक परिषद एक स्थाई संस्था है । यह इसमे 54 सदस्य होते हैं । जो महासभा द्वारा दो तिहाई बहुमत से 3 वर्ष के लिए चुने जाते हैं । इसके 18 सदस्य प्रतिवर्ष पदमुक्त होते हैं । और उनके स्थान पर नए सदस्य चुन लिए जाते हैं । परंतु अवकाश ग्रहण करने वाला सदस्य पुनः निर्वाचित हो सकता है । इसकी बैठक वर्ष में दो बार होती है । अप्रैल माह में न्यूयॉर्क में और जुलाई माह में जिनेवा में होती है । इसका मुख्य कार्य आर्थिक एवं सामाजिक विषय जैसे शिक्षा एवं स्वास्थ्य से संबंधित कार्यों का संचालन करना है । ऐसे देश जो अपना शासन स्वयं नहीं चला पाते तो यह परिषद उन्हें पूर्ण सहयोग देकर उन्हें स्वतंत्र कराने का पूर्ण सहयोग करती है । और तब तक उन्हें दान देकर अपनी अमानत समझकर उनकी मदद करती है जब तक वे स्वेम समृद्ध नहीं हो जाते हैं ।       
             अंतरराष्ट्रीय न्यायालय को विश्व अदालत भी करते हैं । यह नीदरलैंड के हैग में स्थित है । इसमें 15 न्यायाधीश होते हैं । जिनकी नियुक्ति 9 वर्ष के लिए की जाती है । न्यायाधीश अपने बीच में से ही एक अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष को 3 वर्ष के लिए चुनते हैं । जब इनकी कार्यवाही चलती है तो सभी न्यायाधीशों का उपस्थित होना अनिवार्य है । इसमें भारत के नागेंद्र सिंह अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके हैं । वर्तमान में दलवीर भंडारी भारत के न्यायाधीश हैं ।
         सचिवालय यूएनओ के दिन प्रतिदिन के कार्यों को नहीं निबटाता है । इसमें एक महासचिव तथा अन्य कर्मचारी होते हैं । महासचिव को सुरक्षा परिषद की सिफारिश पर महासभा द्वारा 5 वर्ष के लिए नियुक्त किया जाता है । संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रथम महासचिव ट्रैग्वेली थे जो नार्वे के निवासी थे किंतु वर्तमान में बान की मून है जो दक्षिण कोरिया के निवासी हैं  ।

Sunday, April 8, 2018

रामसेतु की दास्तान

भारत और श्रीलंका के बीच राम सेतु है ।  जिसे दुनिया के लोग आदम का पुल कह कर पुकारते हैं । वर्तमान में यह आदम का पुल कुछ पानी में डूब गया है । दुनिया के लोग कहते हैं कि इस आदम के पुल को तोड़कर जहाजों के लिए रास्ता दे दिया जाए । क्योंकि श्रीलंका के चक्कर काट कर जहाजों को निकलने में 11 घंटे से अधिक का समय लगता है । इसीलिए जब जहाज भारत और श्रीलंका के बीच में से गुजरेंगे तो उन्हें भारत और श्रीलंका को कुछ टोल टैक्स भी देना पड़ेगा । और कन्याकुमारी को एक प्रमुख बंदरगाह बना दिया जाएगा । क्योंकि यहां से ही जहाजों का आवागमन होगा । जिससे वहां के व्यापारियों को काफी फायदा होगा क्योंकि बडे बडे देशो के जहाज यहां से गुजरते समय रुकेंगे और कुछ खरीदारी भी करेंगे । किंतु भारत इसे भगवान श्री राम की आस्था से जुड़ा हुआ पुल मानकर इसे तोड़ने नहीं देता ।

Saturday, April 7, 2018

ज्वालामुखी

ज्वालामुखी प्रथ्वी के धरातल पर प्राकृतिक रुप से बनी हुई एक छिद्र या दरार होती है जिसमें से लावा , गैस , भाप , राख , आग , धुंआ या धूल के कण इनमें से कोई एक चीज निकलती रहती है
ज्वालामुखी 3 प्रकार के होते हैं
(1) सक्रीय ज्वालामुखी  -->>  सक्रिय ज्वालामुखी वे ज्वालामुखी होते हैं जो हमेशा सक्रिय रहते हैं यानी इनमें हमेसा 24 घंटे लावा , गैस , भाप , राख , आग , धुंआ या धूल के कण इनमें से कोई एक चीज निकलती रहती है
उदाहरण -- इटली का ऐंटेना तथा स्ट्राम्बोली ज्वालामुखी ,  इक्वेडोर का कोक्टोपैक्सी ज्वालामुखी , हवाई द्वीप का मोनालोआ ज्वालामुखी , अंडमान का बैरन ज्वालामुखी आदि सक्रीय ज्वालामुखी है जो हमेशा सक्रिय रहते हैं
(2) प्रसुप्त ज्वालामुखी  -->> प्रसुप्त ज्वालामुखी वे ज्वालामुखी होते हैं जिनका निर्माण एक बार हो जाने के बाद भविष्य में पुन: होने की संभावना रहती है
उदाहरण -->>  इटली का विसूवियस ज्वालामुखी ,  जापान का फ्यूजियामा ज्वालामुखी और अंडमान नारकोडम ज्वालामुखी आदि प्रसुप्त ज्वालामुखी के उदाहरण है
(3) शांत ज्वालामुखी  -->> शांत ज्वालामुखी वे ज्वालामुखी होते हैं जिनका निर्माण एक बार हो जाने के बाद भविष्य में फिर दुबारा होने की संभावना बिल्कुल नहीं रहती है कभी-कभी इन की जगह पर कोई झील बन जाती है
उदाहरण -->> अफ्रीका का किलिमंजारो ज्वालामुखी , म्यामार का पोपा ज्वालामुखी आदि शांत ज्वालामुखी के उदाहरण है
सर्वाधिक ज्वालामुखी प्रशांत महासागर के चारों ओर पाए जाते हैं इसलिए इस संपूर्ण क्षेत्र को अग्निवलय कहते हैं
विश्व का सर्वोच्च सक्रिय ज्वालामुखी इक्वेडोर का कोक्टोपैक्सी ज्वालामुखी है
विश्व का सबसे छोटा जागृत या सक्रिय ज्वालामुखी फिलीपिंस का माउन्टताल ज्वालामुखी है
इटली के स्ट्राम्बोली ज्वालामुखी को भूमध्य सागर का प्रकाश स्तंभ कहते हैं
विश्व का सर्वाधिक विस्तृत ज्वालामुखी हवाई द्वीप का मौनालोआ ज्वालामुखी है
ज्वालामुखी रहित महादीप ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप है
ज्वालामुखी का सबसे बडा क्षेत्र परिप्रशांत महासागरीय पेटी है
विश्व का सर्वाधिक सक्रिय ज्वालामुखी वाला देश फिलीपाइन द्वीप समूह है

Tuesday, April 3, 2018

भूकंप

भूकंप दो शब्दों से मिलकर बना होता है भू+कम्प = भूकंप जिसमें भू का अर्थ होता है पृथ्वी और कम्प का अर्थ होता है कांपना अर्थात प्रथ्वी के कांपने की क्रिया को ही हम भूकंप कहते हैं जिस प्रकार शांत जल में पत्थर का टुकड़ा डालने पर गोलाकार लहरें केन्द्र से चारों ओर प्रवाहित होती हैं उसी तरह प्रथ्वी के गड़बड़ी वाले स्थान से भूकंप की तरंगे चारों ओर फैलती है इन भूकंप तरंगों को हम सिसमोग्राफ नामक यंत्र से रियेक्टर में नापते हैं भूकंप आने का मुख्य कारण पृथ्वी के अंदर हलचल का होना है कभी-कभी यह हलचल ज्वालामुखी के रूप में भूगर्व को तोड़ कर बाहर निकलने की कोशिश करने लगती है जिससे भूकंप आने लगते हैं विश्व में लगभग हर 68% भूकंप प्रशांत महासागर की पेटी द्वारा आते हैं इन क्षेत्रों को अग्निवलय कहतेहैं रियेक्टर पैमाने पर सबसे तेज गति से आने वाला भूकंप का वेग 8 मी./से. होता है धरातल भूकंप की तरंगे L आकार की होती हैं
भूकंप के तीन तरंगे होती है
(1) प्राइमरी तरंग
(2) कंडरीय तरंग
(3) सतही तरंगें
      इन तीनों तरंगों में सतही तरंगे अधिक खतरनाक होती है इनकी तीव्रता 7 मी./से. से अधिक होती है भूकंप के झटकों की तीव्रता मरकैली यंत्र से नापी जाती है एशिया की कोन्टीलेटन प्लेट अंदर धसती चली जा रही है इससे से ही भारत में भूकंप आते हैं यह प्लेट या परत जहां मिलती है वहां सुनामी का खतरा बढ़ जाता है सुनामी जापान की भाषा का शब्द है भारत में सबसे अधिक विनाशकारी भूकंप 26 जनवरी 2001 में अमदाबाद के आस पास आया था इसकी तीव्रता 7.9 मी./से. नापी गई थी इसमें लगभग 30 हजार  लोग मारे गए थे और 1000000 लोग बेघर हो गए थे दुनिया का सबसे शक्तिशाली भूकंप चिली देश में आया था इसकी तीव्रता 9.5 मी./से.नापी गई थी पुनश्चलन का सिद्दान्त रीड ने प्रतिपादित किया यह सिद्धांत भूकंप से संबंधित है भारत में भूकंप का प्रमुख क्षेत्र हिमालय का पर्वतीय क्षेत्र है

Monday, April 2, 2018

शैल या चट्टान

पृथ्वी की सतह के कठोर भूभाग को शैल या चट्टान कहते हैं यह 3 प्रकार की होती है
(1) आग्नेय या प्राकृतिक चट्टानें--->>> आग्नेय चट्टान का निर्माण ज्वालामुखी से निकलने वाले लावे के ठंडे होने से होता है
उदाहरण  -->  ग्रेनाइट तथा बेसाल्ट है ग्रेनाइट को इमारती लकड़ी तथा बेसाल्ट को डम्बर कहते है
(2) अवसादी या परतदार चट्टान--->>> जब जलवायु एवं हिम द्वारा बहा कर लाए गए छोटे-छोटे कण पत्थर और जीवाश्म किसी स्थान पर जमा होकर कुछ समय बाद गर्मी एवं दबाव से कठोर होकर शैलो में बदल जाते हैं इसे ही अवशादी शैल कहते हैं
उदाहरण -->> बलूआ पत्थर , चूना पत्थर , कोयला , चिकनी मिट्टी और शैलखरी इसके अंतर्गत आते हैं
(3) कायान्तरित या रुपान्तरित चट्टान--->>> आग्नेय और अवशादी चट्टानों का बदलता स्वरुप ही कायान्तरित चट्टान कहलाता है
उदाहरण-->  बलूवा पत्थर से क्वार्टजाइट का बनना  ,  चूना पत्थर से संगमरमर का बनना  ,  चिकनी मिट्टी से स्लेट का बनना ,  कोयल से हीरा और ग्रेफाइट का बनना  ,  ग्रेनाइट से नाइस का बनाना  , बेसाल्ट से एम्पीवोलाइट का बनना 
  यह सभी कायान्तरित चट्टान के उदाहरण है

Sunday, April 1, 2018

भारत चीन युद्ध

भारत और चीन के संबंध प्राचीन काल से ही मित्रता पूर्ण रहे हैं किंतु देश के आजाद हो जाने के बाद इन दोनों देशों के संबंध में खटास आ गई भारत और चीन के बीच तिब्बत को लेकर मतभेद की स्थिति बनी तिब्बत पर चीन का अधिकार था किंतु भारत तिब्बत को अपने अधिकार में लेना चाहता था पता चलते ही चीन ने तिब्बत में अनेक सैनिक नियुक्त कर दिए इसका भारतीयों ने विरोध किया इस प्रकार 1958 में दोनों देशों के बीज विद्रोह शुरु  हो गया दलाई लामा तिब्बत का प्रसिद्ध शाशक था वह तिब्बत को भारत में मिलाना चाहता था 1962 में दोनों देशों के बीच घमासान युद्द होने लगा चीन की सेना भारतीय सेना और दलाई लामा पर भारी पड़ी जैसे दलाई लामा को तिब्बत छोड़कर भारत में भागकर आना पड़ा चीन ने इसका घोर विरोध किया जिससे दोनों देशों के मध्य और दुश्मनी बढ़ गई इसके साथ ही चीन ने सीमा विवाद शुरु कर दिया भारत ने एक बार फिर पंचशील के सिद्धांतों द्वारा दोनों देशों के संबंधों को मधुर बनाने का प्रयास किया किंतु चीन ने यह स्वीकार नहीं किया सितंबर 1962 में चीन ने भारत के पूर्वी सीमा क्षेत्र नेका पर हमला कर दिया तथा इस क्षेत्र को अपने कब्जे में ले लिया इसके बाद 20 अक्टूबर सन 1962 को चीन दे मेक मोहन रेखा को अस्वीकार कर सीमा पर तैनात भारतीय फौजियों पर हमला कर दिया विवस होकर 26 अक्टूबर 1962 को भारत को एक तरफा युद्ध स्वीकार करना पड़ा इस युद्ध में भारत को पराजय इसलिए मिली क्योंकि चीन सर्वाधिक जनसंख्या वाला एक शक्तिशाली देश था भारत चीनी फौज का सामना नहीं कर सकता और पाकिस्तान ने भी चीन का भरपूर समर्थन किया इसका फाइदा उठाकर चीन ने भारत के एक बड़े भूभाग को छीनकर अपने कब्जे में कर लिया जिसे COK कहते हैं COK का अर्थ होता है चीन अधिक्रत कश्मीर

कश्मीर की कहानी

सन् 1947 मे जब भारत और पाकिस्तान देश आजाद हुए थे । तब जम्मू और कश्मीर देश की सबसे बडी रियासत थी । इसके दो हिस्से थे । पहला भाग जम्मू औ...

भारत पाकिस्तान युद्ध