Wednesday, October 17, 2018

लॉर्ड माऊंटबेटन 

मार्च 1947 में लॉर्ड माऊंटबेटन
को भारत का नया वायसराय बनाया गया । माउन्टबेटन भारत मे आकर कांग्रेस और लीग के नेताओं से मिलकर एक साथ रहने के लिए काफी समझाते है । लेकिन मुस्लिम लीग पार्टी के नेता मोहम्मद अली जिन्ना
भारत के साथ मिलकर रहने से स्पष्ट मना कर देते है । तो माउन्टबेटन पाकिस्तान की परिस्थिति को समझकर जून 1947 में भारत तथा पाकिस्तान विभाजन संबंधी प्रस्ताव ब्रिटिश संसद को सौंपते है । और यह कहते कि हिन्दुओं और मुसलमानों के आपसी दंगे शांत करने का एक ही हल है और वह है भारत तथा पाकिस्तान के रूप मे हिन्दुस्तान का विभाजन होना । इसके बाद 2 जुलाई 1947 में यह प्रस्ताव पारित हो जाता है । इस योजना को लॉर्ड माउंटबेटन योजना कहते हैं । इसी योजना में यह निर्णय लिया गया कि 14  अगस्त को पाकिस्तान को और 15 अगस्त 1947 को भारत को उनकी सत्ता का हस्तांतरण सौंप दिया जाएगा । इस प्रकार हमारा भारत देश दो टुकडो मे बंट जाता है । और भारतीय भू-भाग से पाकिस्तान बन जाता है । अब एटली ने माउन्टबेटन के जरिए घोषणा करवाई कि भारत की सभी रियासते अपनी अपनी इच्छा अनुसार 15 अगस्त 1947 से पहले भारत तथा पाकिस्तान मे विलेय हो जाऐं भारत मे रियासतों के विलय की जिम्मेदारी सरदार बल्लव भाई पटेल
ने ली । उस समय  बल्लभ भाई पटेल ने 362 रियासत भारत मे विलेय करवायीं थी इसलिए लोर्ड माउन्टबेटन ने उनकी प्रशंशा की । किंतु जूनागढ हैदराबाद और जम्मू कश्मीर ऐसी रियासत थी जिन्होने भारत मे विलेय होने से स्पष्ट मना कर दिया । जूनागढ का राजा मुस्लिम था किन्तु वहाँ की जनता हिन्दू थी जो भारत मे विलेय होना चाहती थी । परन्तु शाशक ने पाकिस्तान के साथ मिलने की घोषणा कर दी । ऐसी स्थिति मे जनता ने विद्रोह कर दिया । शाशक को पाकिस्तान भागना पडा । शाशक के भाग जाने के बाद जूनागढ के दीवान शाहनवाज भुट्टो ने जनमत करवाया जो भारत के पक्ष मे रहा और जूनागढ भारत मे विलेय हो गया । हैदराबाद भारत की सबसे बडी रियासत थी  पाकिस्तान के कहने पर निजाम ने अपनी रियासत को स्वतंत्र रखा । जिसे सैन्य बल पर भारत मे मिलाया गया । जम्मू कश्मीर को भी बाद मे विलेय किया गया । सन 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान स्वतंत्र हो गया और 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हो गया । भारत को स्वतंत्र हो जाने के बाद भारत  के वायसराय लोर्ड माउन्टवेटन को स्वतंत्र भारत का पहला गवर्नर जनरल बनाया गया । लोर्ड माउन्टवेटन 21 जून 1948 को चक्रवती राज गोपालाचारी
को अपना यह पद सोंपकर इंग्लैंड के लिए चला गया । इस प्रकार चक्रवती राज गोपालाचारी स्वतंत्र भारत के दूसरे और प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल बने ।

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