Monday, April 8, 2019

गति के नियम

सर आइज़क न्यूटन ने सबसे पहले 1687 में अपनी पुस्तक प्रसीपिया में गति के नियमों का प्रतिपादन किया । उन्होंने गति के तीन नियम बताए हैं । (1) गति का प्रथम नियम:-----इस नियम के अनुसार यदि कोई वस्तु विराम अवस्था (स्थिर अवस्था) में है । तो वह तब तक विराम अवस्था में रहेगी जब तक उस पर बाहरी बल लगाकर गतिशील नहीं किया जाएगा । और यदि कोई वस्तु गतिशील है । तो उसको बाहरी बल लगाकर ही विराम अवस्था में पहुंचाया जा सकता है । जैसे:----रुकी हुई ट्रेन के अचानक चलने पर उसमे बैठे यात्रीयों को अचानक पीछे की ओर झटका सा लगता है । चलती हुई बस के अचानक रुकने पर उसमें बैठे यात्रियों को एकदम आगे की ओर झटका सा लगता है । (2) गति का दूसरा नियम :-----इस नियम के अनुसार किसी पिण्ड के संवेग परिवर्तन की दर उस वस्तु पर लगाए गए बल के समानुपाती होती है । और उसके संवेग परिवर्तन की दिशा वही होती है । जो बल की होती है । जैसे:---क्रिकेट खिलाड़ी तेजी से आती हुई गेंद को कैच करते समय अपने हाथों को कैच लेकर एकदम पीछे की ओर करते हैं ताकि गेंद का वेग कम हो जाए और हाथों को चोट ना लगे । (3) गति का तीसरा नियम:----इस नियम के अनुसार प्रत्येक क्रिया के बराबर तथा विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है । जैसे :---बंदूक से गोली छोड़ते समय अचानक से पीछे की और झटका लगना । और कूआं से पानी खींचते समय रस्सी टूट जाने पर व्यक्ति को पीछे की और झटका लगकर गिर जाना । Formula trick*****जड़ से क्रिया***** जड़ का मतलब है न्यूटन का पहला नियम जिसको जड़त्व का नियम भी कहते हैं से का मतलब है न्यूटन का दूसरा नियम जिसे संवेग का नियम भी कहते हैं प्रिया का मतलब है न्यूटन का तीसरा नियम जैसे क्रिया प्रतिक्रिया का नियम भी कहते हैं

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