Friday, August 25, 2017

प्रथम विश्व युद्ध

1882 में यूरोप में एक गुट बना जिसे त्रिगुट या ट्रिपल एलयांस के नाम से जाना गया इस  गुट में जर्मनी,ऑस्ट्रिया,हंगरी तथा इटली शामिल थे । किंतु इस गुट में इटली की वफादारी संदेहपूर्ण थी । क्योंकि इटली का मुख्य उद्देश्य ऑस्ट्रिया तथा हंगरी के  कुछ इलाके छीनना था । इसके बाद 1907 में यूरोप में एक दूसरा गुट बना । जिसे ट्रपल ऐंटा या त्रिमैती  संधि कहते हैं । इस गुट मे फ्रांस इंग्लैंड और रूस शामिल थे । इन दोनों गुटों की स्थापना का मुख्य उद्देश सदस्य देशों की परस्पर सहायता करना और बाहरी हमलों से अपने मित्र देश को बचाना था । अब 28 जून सन 1914 को ऑस्ट्रिया के राजकुमार आर्कड्यूक  फर्डिनेंड और उसकी पत्नी

की सर्विया की राजधानी बेस्निया में हत्या हो गई । ऑस्ट्रिया ने इस घटना के लिए सर्विया को जिम्मेदार माना । लेकिन सर्विया ने जिम्मेदारी स्वीकार नहीं की । तो 28 जुलाई सन 1914 को ऑस्ट्रिया ने सर्विया के विरुद्ध युद्ध की घोषणा कर दी । इस युद्ध में रुस,फ्रान्स और इंग्लैंड सर्विया की मदद करने के लिए आगे आए । तो उधर जर्मनी ऑस्ट्रिया की मदद में तैयार खडा हो गया । और 4 अगस्त सन 1914 को युद्ध शुरू हो गया जिसे प्रथम विश्वयुद्ध कहा गया । यह महायुद्ध यूरोप,अफ्रीका तथा एशिया तीनों महाद्वीपों पर  जल थल तथा आकाश में लड़ा जाने लगा । जर्मनी द्वारा किए गए आक्रमण का प्रमुख लक्ष्य वर्दूं था । शुरू में जर्मनी की सेना की जीत हुई थी । अब 1917 में जर्मनी के युद्धपोत ने एक ब्रिटेन जहाज को डुबो दिया जिसमें अमेरिका के 128 नागरिक थे । जर्मनी के इस घिंनोने कृत्य का अमेरिका को इसलिए बुरा लगा क्योंकि उस समय अमेरिका ब्रिटेन का एक उपनिवेश था । उपनिवेश होने के कारण अमेरिका को इंग्लैंड के प्रति सहानुभूति थी । अत: अमेरिका 6 अप्रैल सन 1917 को प्रथम विश्वयुद्ध में शामिल हो गया । 1918 में ब्रिटेन फ्रांस और अमेरिका
तीनों का गुट जर्मनी और उसके मित्र देशों पर भारी पड़ने लगा । तो जर्मनी और ऑस्ट्रिया के अनुरोध करने पर अमेरिका के राष्ट्रपति विल्सन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री लॉर्ड जॉर्ज तथा फ्रेंच प्रधानमंत्री क्लीमेंसा ने वर्साय की संधि द्वारा यह युद्ध समाप्त करने की घोषणा की ।  तुरंत ही जर्मनी और उसके मित्र देश ऑस्ट्रिया,हंगरी,तुर्की तथा बुल्गारिया वर्साय की संधि पर हस्ताक्षर कर दिए । और 11 नवंबर सन 1918 को प्रथम विश्वयुद्ध समाप्त कर दिया गया वर्साय की संधि द्वारा जर्मनी से वायुयान और पनडुब्बियां रखने के अधिकार छीन लिए गए । और सार नामक जर्मनी की विशाल कोयले की खदान 15 वर्षों तक फ्रांस को दे दी गई जर्मनी के भू-भाग से पोलैंड नामक एक नया देश बना दिया गया । अफ्रीका में स्थित जर्मनी के उपनिवेश ब्रिटेन पुर्तगाल बेल्जियम तथा दक्षिण अफ्रीका को दे दिए । गए प्रथम विश्वयुद्ध में 80 लाख लोग मारे गए 60 लाख लोग अपंग हो गए । तथा एक करोड बीस लाख लोग घायल हुए थे । 80 लाख लोग लापता हो गए थे इस युद्ध मे लगभग एक अरव 86 करोड पोंड खर्चा हुआ था इससे पूर्व इतना खर्चीला मौत का खेल नहीं खेला गया था प्रथम विश्वयुद्ध में इटली को कुछ भी हाथ नहीं लगा तो इटली को दुख हुआ और आगे चलकर इटली में मुसोलिनी के नेतृत्व में फांसीवादी नामक तानाशाही शासन का उदय हुआ इस समय भारत ब्रिटेन का एक उपनिवेश था और भारत का वायसराय लॉर्ड हार्डिंग था युद्ध के समय जर्मनी ने पूरी कोशिश की यह भारतवासी इंग्लैंड के खिलाफ हो जाएं किंतु कांग्रेस नेताओं का विचार था कि स्वतंत्रता प्राप्ति को छोड़कर इस समय ब्रिटेन की सहायता करना उचित है 4 अगस्त सन 1914 को युद्ध शुरू हुआ था तो भारत के सभी राजनेताओं ने ब्रिटेन की दिल खोल कर मदद इसलिए की क्योंकि भारत के लोगों को आशा के युद्ध के बाद ब्रिटेन भारत को इनाम के रूप में स्वतंत्रता दे देगा । और यदि स्वतंत्रता नहीं तो स्वशासन तो अवश्य ही प्रदान कर देगा । लेकिन ऐसा कदापि नहीं हुआ । इस युद्ध के विनाशकारी परिणामों से विश्व के कई देश भयभीत हो गए । अतः भविष्य में शांति और समृद्धि का वातावरण बनाए रखने के लिए 10 जनवरी सन 1920 में राष्ट्र संघ की स्थापना हुई । जिसे "लीग ऑफ नेशन" कहा गया । किंतु इस संघ से जुड़े सभी देशों के नेता एक दूसरे के विरोधी होने के कारण भविष्य में शांति स्थापित करने में नाकाम रहे । और आगे चलकर "लीग ऑफ नेशन" भंग हो गई ।

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